मुंबई. सायरस मिस्त्री मामले में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले के खिलाफ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने भी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी। टीसीएस टाटा ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी है। यह देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी भी है। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 18 दिसंबर को फैसला दिया था कि मिस्त्री फिर से टाटा सन्स के चेयरमैन और टीसीएस के निदेशक पद पर बहाल किए जाएं। 2016 में उन्हें हटाने का फैसला गलत था।
मिस्त्री मामले में अपीलेट ट्रिब्यूनल ने रतन टाटा को भी दोषी ठहराया था
टाटा ग्रुप के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा भी अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उन्होंने ट्रिब्यूनल के फैसले को तथ्यहीन बताकर खारिज करने की अपील की है। उनका कहना है कि मिस्त्री में लीडरशिप का गुण नहीं होने की वजह से टाटा ग्रुप की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा था। बता दें अपीलेट ट्रिब्यूनल ने मिस्त्री मामले में फैसला देते हुए कहा था कि रतन टाटा का रवैया पक्षपातपूर्ण और दमनकारी था।
टाटा टेलीसर्विसेज और टाटा ट्रस्ट ने भी ट्रिब्यूनल के फैसले को चुनौती दी है। टाटा सन्स गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर चुकी। उसने अंतरिम राहत के तौर पर ट्रिब्यूनल के फैसले पर स्टे की मांग की है। 9 जनवरी को टीसीएस की बोर्ड बैठक होनी है, इसलिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच बैठेगी तो टाटा सन्स के वकील चाहेंगे कि तुरंत सुनवाई हो जाए।
टाटा सन्स ने अक्टूबर 2016 में सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था। कंपनी के बोर्ड का कहना था कि मिस्त्री पर भरोसा नहीं रहा। बाद में मिस्त्री ने टाटा ग्रुप की कंपनियों के निदेशक पद से भी इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने चेयरमैन पद से हटाने के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चुनौती दी थी, लेकिन हार गए। इसके बाद अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे थे। उन्होंने टाटा सन्स के प्रबंधन में खामियों और रतन टाटा पर टाटा सन्स के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया था।